📜 डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर (1891–1956) – भारतीय संविधान के शिल्पकार और महान समाज सुधारक

 

📖 डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर (1891–1956) – भारतीय संविधान के शिल्पकार और महान समाज सुधारक

🗓️ जन्म: 14 अप्रैल 1891 – महू, मध्य प्रदेश
👨‍🎓 पूरा नाम: भीमराव रामजी आंबेडकर
🇮🇳 सम्मान से उन्हें “बाबासाहेब”कहा जाता है।




🎓 शिक्षा और उपलब्धियाँ

  • अमेरिका 🇺🇸 के कोलंबिया विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट (Ph.D.)।

  • इंग्लैंड 🇬🇧 के लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और ग्रेज़ इन लॉ कॉलेज से उच्च शिक्षा।

  • उस दौर के सबसे शिक्षित भारतीय नेताओं में गिने जाते थे।


⚖️ समाज सुधार और आंदोलन

  • ✊ दलितों, पिछड़ों और वंचितों के अधिकारों के लिए आजीवन संघर्ष।

  • 🚫 छुआछूत और जातिगत भेदभाव के खिलाफ़ आंदोलन।

  • 📚 महाड़ सत्याग्रह (1927): पानी के सार्वजनिक स्रोतों पर दलितों का अधिकार दिलाने के लिए।

  • ✍️ काकोसा आंदोलन: मंदिर प्रवेश और समान अधिकारों के लिए संघर्ष।


📜 भारतीय संविधान

  • 1947 में भारत की आज़ादी के बाद डॉ. आंबेडकर को संविधान सभा की प्रारूप समिति का अध्यक्ष बनाया गया।

  • भारतीय संविधान में उन्होंने सुनिश्चित किया:

    • समानता (Equality)

    • स्वतंत्रता (Liberty)

    • बंधुता (Fraternity)

    • न्याय (Justice)

  • इसीलिए उन्हें “भारतीय संविधान के शिल्पकार” (Architect of Indian Constitution) कहा जाता है।


🕊️ धर्म परिवर्तन

  • जातिवाद और सामाजिक अन्याय के विरोध में,
    🗓️ 14 अक्टूबर 1956 को नागपुर में डॉ. आंबेडकर ने लाखों अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म अपनाया।

  • इससे भारत में नवबौद्ध आंदोलन की शुरुआत हुई।


⚰️ निधन और सम्मान

  • 🗓️ 6 दिसंबर 1956 को दिल्ली में उनका निधन हुआ।

  • 🏅 मरणोपरांत भारत रत्न (1990) से सम्मानित।


🌟 डॉ. आंबेडकर की विचारधारा

  • 📚 “शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो।”

  • ⚖️ सामाजिक समानता और न्याय पर जोर।

  • 👩 महिलाओं और दलितों को समान अधिकार।

  • 🌍 जातिवाद के खिलाफ आजीवन संघर्ष।


🌹 निष्कर्ष

डॉ. भीमराव आंबेडकर केवल संविधान निर्माता ही नहीं, बल्कि महान विचारक, समाज सुधारक, लेखक, अर्थशास्त्री और क्रांतिकारी नेता थे।
उनका जीवन हमें हमेशा यह सिखाता है 👉
“ज्ञान ही मुक्ति का मार्ग है।”

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